बैतूल :
सावन में सांप को देखना होता है शुभ सावन के महीने में सांप को देखना शुभ माना जाता है। सांप भगवान भोलेनाथ का आभूषण माना जाता है और सावन के महीने में भगवान शिव को पूजा जाता है इस अवसर पर सांप के दर्शन शुभ माना जाता है। इसीलिए नाग पंचमी के कुछ दिन पहले और सावन के महीने में सांप का देखा जाना लोग शुभ मान रहे हैं।
बैतूल जिले के भीमपूर ब्लाक के चुनालोहमा ग्राम पंचायत के भुरूढाना गांव में एक किसान के घर के समीप सैकड़ो सांप निकले जिसे एक गंज में रखा गया है ग्रामीण अब पूजा पाठ करने लगे है ।हालांकि आज तक इतने सांप एक साथ कभी नही देखे गए ।किसान चिन्धु पाटनकर के घर के समीप जमीन से एक छेद (बिल) से निकले इन साँपो को एक गंज में रखा गया है
भले ही लोग साल भर सांप को देखते ही लाठी डंडे लेकर मारने दौड़ते हों लेकिन सावन एक ऐसा महीना है जब सांपों को मारने की बजाय उनका दर्शन ईश्वर के दर्शन के समान पुण्यदायी माना जाता है। इस महीने में सांप को मारने की बजाय लोग उसे दूध और धान का लावा खिलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि सांपों को दूध और धान खिलाने से वंश बढ़ता है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
सावन के महीने में बिलों में पानी भर जाता है और सांप सुरक्षित स्थानों की तलाश में लोगों के घरों में घुसने लगते हैं जिससे इन महीनों में सर्प दंश का भय अधिक रहता है। भारत प्राचीन काल से ही कृषि प्रधान देश रहा है। इस महीने में किसान जल भरे खेतों में धान की खेती करते हैं यहां भी उन्हें सर्प का भय रहता है इसलिए महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए सांपों की पूजा किया करती थी।
दूसरा कारण यह भी है कि सांप चूहों का दुश्मन होता है। सांप खेतों में चूहों को खाकर चूहों से फसल की रक्षा करते हैं इसलिए भी सावन में सांपों की पूजा की परंपरा वर्षों में से चली आ रही है।