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Post By : Hindustan BBC
Author : Manoj Deshmukh Views 487
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अतिक्रमण का नायाब तरीका; पटवारी की मिली भगत से डैम में की जा रही धान की खेती

ग्रामीण राह देखते रहे नहीं पहुंचे अधिकारी।

अतिक्रमण का नायाब तरीका; पटवारी की मिली भगत से डैम में की जा रही धान की खेती 

आधा सैकड़ा ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से की शिकायत
फोटो - पूर्व में शिकायत के बाद अधिकारियों ने दिया था जांच का आश्वासन, ग्रामीण राह देखते रहे नहीं पहुंचे अधिकारी।
 
बैतूल। अब तक हमने भूमि पर अवैध अतिक्रमण के कई मामले सुने और देखे हैं, लेकिन सोमवार को घोड़ाडोंगरी जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम कुही में अतिक्रमण का अजीबोगरीब मामला सामने आया है, यहां एक पटवारी की मिली भगत से डैम में अतिक्रमण कर यहां धान की खेती की जा रही है। संभवत मध्य प्रदेश का ऐसा पहला मामला होगा जहां अतिक्रमण करने का ऐसा नायाब तरीका अपनाया गया है। लगभग आधा सैकड़ा ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत कलेक्टर से की है।
शिकायतकर्ता ग्रामीण जगराम, शिवराज, केसरी बिहारे, रतन, रामस्वरूप, प्रेमलाल, रूपलाल, अंतराम, मूलचंद वर्मा, किशन धुर्वे, राजेंद्र, मंगू, उमेश, रवि, श्याम राव, सुखदेव, जगदीश, योगेश, हरिशंकर सहित अनेक ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपे आवेदन में बताया कि जल संसाधन विभाग गोंडीढाना कुही में पदस्थ पटवारी धनराज यादव के द्वारा आदिवासियों की आड़ में डैम के अंदर धान की खेती करवाई जा रही है। 
-- कार्यक्षेत्र नहीं होने के बावजूद पटवारी कर रहा हस्तक्षेप--
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पटवारी का कार्यक्षेत्र नहीं होने के बावजूद जबरदस्ती हस्तक्षेप किया जा रहा है। गौरतलब है कि बारिश के दौर में डैम में जाना भी प्रतिबंधित है ऐसी स्थिति में यहां धान की खेती पटवारी द्वारा करवाई जा रही है। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि पटवारी अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ग्रामीणों पर धौंस जमा कर अनाधिकृत कार्य को अंजाम दे रहा है। जिसकी शिकायत उन्होंने पूर्व में कर दी थी। जिला प्रशासन के अधिकारियों ने विगत 16 अगस्त को ग्राम कुही में पहुंचकर मौके का निरीक्षण करने और कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था, ग्रामीण 16 अगस्त को अधिकारियों की रास्ता देखते रहे लेकिन आज दिनांक तक जांच करने कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। इस मामले में ग्रामीणों ने सोमवार को जिला मुख्यालय पर पहुंचकर कलेक्टर से ग्राम कुही में आकर मौका मुआयना कर दोषी पटवारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। 
-- 35 वर्षों से खेती कर रहे किसानों को हटाया --
ग्रामीणों ने बताया कि जल संसाधन विभाग की जमीन पर विगत 35 वर्षों से खेती कर रहे आदिवासी किसानों को हटाकर पटवारी द्वारा अन्य लोग को खेती करने दिया जा रहा है। पटवारी राजनितिक पहुंच का दबाव बनाकर भोले भाले आदिवासी ग्रामीणों की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवा कर परेशान करता है। ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासी किसान 35 वर्षो से खेती कर रहे थे उनकी जमीन छुडा कर अपना कब्जा कर लिया। डुब क्षेत्र की जमीन जल संसाधन विभाग और वन विभाग की है। राजस्व की जमीन नहीं होने पर ग्राम के पटवारी द्वारा वहां पर क्यों हस्तक्षेप किया जा रहा है। किस आधार पर लोगों के खिलाफ झूठे षड्यंत्र रचे जाते है। वहीं ग्राम के आनंद कुमार ने 181 पर शिकायत की तो जल संसाधन के द्वारा बिना जांच किए शिकायत बंद कर दी गई। ग्रामीणों ने कलेक्टर से उचित जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है।

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