चोपना:--हीरापुर पंचायत में भ्रष्टाचार आरोप,दोषियों पर कार्यवाही की मांग
हीरापुर पंचायत में सरपंच, उपसरपंच और सचिव पर आर्थिक अनियमितताओं का आरोप
ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से की जांच की मांग
बैतूल। ग्राम पंचायत हीरापुर में सरपंच, उपसरपंच और सचिव पर गंभीर आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। पंचायत के पंचों और ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से शिकायत करते हुए इन आरोपों की जांच की मांग की है।
शिकायत में बताया गया है कि पंचायत चुनाव हुए दो वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन पंचगणों के नाम अब तक पंचायत के दर्पण में अंकित नहीं किए गए हैं। सरपंच, उपसरपंच और सचिव द्वारा अभी तक कोई बैठक आयोजित नहीं की गई है, और आमसभाओं में पंचगणों के प्रस्तावित कार्यों को नजरअंदाज किया जाता है। पंचों का आरोप है कि पंचायत के निर्णय सरपंच, उपसरपंच और सचिव अपनी मर्जी से लेते हैं। उपसरपंच के पति द्वारा ग्राम में किए जा रहे कार्यों में भारी भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आई हैं। पंचों और ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम गोल्हई खुर्द में टिनशेड और आंगनवाड़ी केंद्र के 42 हजार रुपये के कार्य को मात्र 15 हजार रुपये में कर शेष राशि का गबन किया गया। इसी प्रकार, कन्नूलाल धुर्वे के खेत के पास बनाए गए तालाब में 14,65,000 रुपये के कार्य के बाद भी ट्रैक्टर मालिक को भुगतान नहीं किया गया।
ग्राम शिवसागर में पेयजल कूप का निर्माण पिछले दो वर्षों से अधूरा पड़ा है, और जब इसे पूरा करने की मांग की गई तो 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी गई। कोचाखेड़ा में सड़क निर्माण की मांग को भी अनदेखा कर दिया गया है, जिससे बच्चों को स्कूल आने-जाने में दिक्कत हो रही है।
ग्राम हीरापुर 1 नंबर में जतिन बाला के घर से बलाई व्यापारी के घर तक सीसी रोड का निर्माण 2022 में शुरू हुआ था, लेकिन यह अब तक पूरा नहीं हुआ है। कार्य को फिर से शुरू करने पर उपसरपंच द्वारा 5 हजार रुपये की मांग की जा रही है।
इसके अलावा, पंचायत द्वारा 350 बोरी सीमेंट के भुगतान का दावा किया गया है, जबकि मौके पर सिर्फ 200 बोरी सीमेंट ही इस्तेमाल किया गया। वनग्राम हीरापुर में मंकर के खेत के पास स्टॉप डेम के निर्माण में भी भारी अनियमितताओं की शिकायतें हैं। बिना प्रस्ताव के इस कार्य में गिट्टी के बजाय बोल्डर का उपयोग किया गया, और 13 लाख रुपये के कार्य को 5 लाख रुपये में कर शेष राशि का गबन किया गया।
ग्राम कटासुरर के पंचों और ग्रामीणों ने भी आमसभाओं में दिए गए प्रस्तावों पर कोई कार्रवाई न होने की शिकायत की है। वहीं, उपसरपंच का कहना है कि उन पर लगाए गए आरोप गलत हैं। उनके अनुसार, सरपंच और सचिव ही पंचायत के सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं, उपसरपंच के पास कोई अधिकार नहीं होते। ग्रामीणों और पंचों ने सभी कार्यों का मूल्यांकन पंचगणों के सामने करवाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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