बैतूल:-सतपुड़ा वैली पब्लिक स्कूल ने किया केबीसी में 50 लाख जीतने वाले बंटी वाड़िवा का सम्मान बंटी वाडिवा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को साझा किए अपने अनुभव
सतपुड़ा वैली पब्लिक स्कूल ने किया केबीसी में 50 लाख जीतने वाले बंटी वाड़िवा का सम्मान
बंटी वाडिवा ने विद्यार्थियों और शिक्षकों को साझा किए अपने अनुभव
संघर्ष, जीत और सफलता की कहानी से परिचित हुए स्कूल के शिक्षक और विद्यार्थी
बताया - कैसे संघर्ष ने दिलाई 50 लाख की जीत
बैतूल। जिले के छोटे से गांव असाड़ी के रहने वाले बंटी वाडिवा का सतपुड़ा वैली पब्लिक स्कूल में शुक्रवार, 6 सितंबर को भव्य स्वागत किया गया। बंटी वाडिवा ने हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति में 50 लाख रुपये जीतकर जिले और गांव का नाम रोशन किया। स्कूल में उनका पुष्पमाला एवं साल से सम्मान किया गया। स्कूल डायरेक्टर दीपाली डागा और निलय डागा ने बंटी वाडिवा का विशेष तौर पर सम्मान किया।
बंटी वाडिवा के साथ उनके मित्र का भी सतपुड़ा वैली पब्लिक स्कूल में सम्मान किया गया। बंटी के साथ इस सफलता की यात्रा में उनके मित्र का योगदान महत्वपूर्ण रहा, जिसे स्कूल ने सराहा और उन्हें भी पुष्पमाला और साल देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर बंटी वाडिवा ने छात्रों और शिक्षकों से अपने केबीसी अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि कैसे वह अपने छोटे से गांव से निकलकर कौन बनेगा करोड़पति की हॉट सीट तक पहुंचे। बंटी वाडिवा ने बताया कि इस जीत ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। पहले जीवन संघर्ष से भरा था, लेकिन अब गांव में खुशी का माहौल है। उन्होंने यह भी कहा कि सफलता कोई भी कम समय से पहले नहीं मिलती, इसके लिए मेहनत और संघर्ष जरूरी है।
शिक्षक और विद्यार्थियों के सवालों के दिए जवाब
शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बंटी से कई सवाल पूछे, जिनका उन्होंने विस्तार से जवाब दिया। एक सवाल के जवाब में बंटी ने बताया कि पहले वह 25 से 30 हजार रुपये जीतने की उम्मीद लेकर गए थे, लेकिन वहां जाकर समझ में आया कि असली ज्ञान क्या होता है। एक करोड़ रुपये तक के सवाल तक पहुंचना उनके लिए बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
जब उनसे पूछा गया कि 50 लाख रुपये जीतने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी, तो बंटी ने कहा कि यह उनके लिए सपने के सच होने जैसा था। केबीसी की तैयारी के बारे में उन्होंने बताया कि वह नियमित रूप से अध्ययन करते थे और हर दिन नए सवालों के जवाब खोजने का प्रयास करते थे।
गांव में इस जीत की खबर फैलते ही पूरे गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई। बंटी ने बताया कि उनके परिवार की प्रतिक्रिया भी बहुत खुशी से भरी थी। उन्होंने कहा कि वह इस बड़ी रकम का इस्तेमाल अपने एमपीपीएससी की कोचिंग के लिए करेंगे और अपने पेरेंट्स के लिए पक्की छत वाला मकान बनवाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह इस पैसे से न तो कार खरीदेंगे और न ही आईफोन।
बंटी से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने पहले कभी सोचा था कि वह इतनी बड़ी रकम जीतेंगे, तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह इतने पैसे जीतेंगे, लेकिन उन्हें हमेशा अपनी मेहनत पर विश्वास था। उन्होंने बताया कि केबीसी में भाग लेने का निर्णय उन्होंने अपने जीवन में कुछ बड़ा करने की इच्छा से लिया था।
मेहनत और संघर्ष ही सफलता की कुंजी
इस अनुभव से उन्होंने सीखा कि मेहनत और संघर्ष ही सफलता की कुंजी हैं। बंटी ने बताया कि सबसे कठिन सवाल उनके लिए वही था जो 50 लाख रुपये के लिए था, लेकिन उन्होंने इसे समझदारी से हल किया। आगे की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर बंटी ने बताया कि वह अब अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे और एमपीपीएससी की तैयारी करेंगे।
सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से मिलने के अनुभव के बारे में उन्होंने कहा कि यह उनके लिए जीवन का सबसे यादगार क्षण था। उन्होंने कहा कि वह अब भी अपने पुराने दोस्तों और जीवनशैली के साथ जुड़े रहेंगे और इस जीत के बाद भी अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
अंत में, बंटी ने कहा कि उनकी इस जीत से जिले और ग्रामीण इलाकों के बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और दोस्तों को दिया, जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया और उन्हें प्रोत्साहित किया।
शिक्षक मदन मोहन शुक्ला का माना आभार
स्कूल के मंच से बंटी वाडिवा ने अपने शिक्षक मदन मोहन शुक्ला का विशेष आभार व्यक्त किया। बंटी ने बताया कि उनके शिक्षक मदन मोहन शुक्ला ने उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया और उनकी पढ़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बंटी ने कहा कि शुक्ला जी के मार्गदर्शन के बिना इस सफलता को प्राप्त करना संभव नहीं था, और आज वह इस मुकाम पर उन्हीं के आशीर्वाद से पहुंचे हैं।